आतंकवाद वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है तस्करी के सोने का इस्तेमाल: एनआईए

स्वप्ना सुरेश (फाइल फोटो)

केरल के तिरुवनंतपुरम सोने की तस्करी मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा दावा किया है। एनआईए ने शुक्रवार को कहा कि तिरुवनंतपुरम सोने की तस्करी मामले की शुरुआती जांच से पता चला है कि तस्करी के सोने का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि रविवार को पता चला कि सोने की ताजा खेप राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संपर्क के साथ संगठित रैकेट के हिस्से के रूप में भारत में संदिग्धों द्वारा प्राप्त की गई थी। एनआईए ने कहा कि यह मामला भारत की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपतटीय स्थानों से भारत में बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी से संबंधित है।
यह एक आतंकवादी अधिनियम की मात्रा के रूप में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 15 में वर्णित है। एजेंसी ने केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया कि आतंकवाद विरोधी कानून, यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को एफआईआर में दर्ज किया गया था।
केरल सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार तक सुनवाई स्थगित कर दी है। केंद्र सरकार के वकील रवि प्रकाश ने अदालत से कहा, ‘चूंकि इसकी जांच एनआईए कर रही है, इसलिए उच्च न्यायालय जमानत याचिका पर विचार नहीं कर सकता है और मामले को विशेष अदालत द्वारा निपटाया जाना चाहिए।’ वहीं, एनआईए ने भी इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल हाईकोर्ट को बताया है कि राजनयिक के सामान के जरिए सोने की तस्करी करने की कोशिश करने वाली महिला स्वप्ना सुरेश के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनआईए ने पीएमएलए के तहत स्वप्ना सुरेश, आर सरित कुमार, फाजिल फरीद, संदीप नायर व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

 

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